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इस लेख में राजस्थान के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य के बारे में विस्तार से जानेगे तो सबसे पहले हम जानते है कि वन्य जीव अभ्यारण्य किसे कहते है और क्या होते है और क्यों जरुरी है | वन्य जीव अभ्यारण्य: परिभाषा और महत्व वन्य जीव अभ्यारण्य वे संरक्षित क्षेत्र होते हैं जहां वन्य जीवों को … Read more
राजस्थान, अपनी विविधता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान राज्य की जैविक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजस्थान का भौगोलिक वातावरण अलग-अलग प्रजातियों के वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिए आदर्श है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान न केवल संरक्षण कार्यों में मदद करते हैं, बल्कि राज्य के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी अहम योगदान देते हैं।
राजस्थान अपनी प्राकृतिक विविधता और भौगोलिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई प्रकार की झीलें पाई जाती हैं, जिनमें खारे पानी की झीलों का विशेष महत्व है। ये झीलें न केवल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनमें से कई नमक उत्पादन का भी एक प्रमुख स्रोत हैं। इस लेख में राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झीलों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
झील क्या होती है और कैसे बनती है? झील एक स्थिर जल निकाय होती है, जो भूमि के भीतर अवसाद या गड्ढे में जल भरने से बनती है। यह जल बारिश, नदियों, ग्लेशियरों के पिघलने या भूगर्भीय गतिविधियों के कारण एकत्र हो सकता है। झीलें प्राकृतिक भी हो सकती हैं और मानव निर्मित भी। झीलों … Read more
राजस्थान की नदियां यहां की भौगोलिक स्थिति और जलवायु पर गहरा प्रभाव डालती हैं। अधिकांश नदियां अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलती हैं और इनमें से कई गुजरात में जाकर समुद्र में मिलती हैं या आंतरिक रूप से विलुप्त हो जाती हैं। चंबल एकमात्र बारहमासी नदी है, जबकि माही और बनास राजस्थान की जल आपूर्ति के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। राजस्थान के जल संसाधनों को संरक्षित करना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनसे लाभान्वित हो सकें। 🚰🌍
दक्षिण-पूर्वी पठारी भाग राजस्थान का एक अत्यंत उपजाऊ और महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो अपने उत्तम कृषि उत्पादन, अधिक वर्षा, समृद्ध नदी प्रणाली और विशिष्ट भौगोलिक संरचना के लिए जाना जाता है। यहाँ की पहाड़ियाँ, पठारी ढाल और उपजाऊ मिट्टी इसे राजस्थान के अन्य क्षेत्रों से अलग बनाती हैं। 🚜🌾
इस क्षेत्र की भौगोलिक और आर्थिक विशेषताओं के कारण यह राजस्थान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। 💰✅
पूर्वी मैदानी भाग राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 23.3% भाग घेरता है, जबकि यहाँ राज्य की 39% जनसंख्या निवास करती है। यह राजस्थान का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है।
📌 राजस्थान के अन्य भौगोलिक भागों से तुलना
उत्तर-पश्चिमी मरुस्थलीय भाग → 61% क्षेत्रफल, 40% जनसंख्या
अरावली पर्वतीय भाग → 9% क्षेत्रफल, 10% जनसंख्या |
पूर्वी मैदानी भाग अरावली पर्वतमाला के पूर्वी हिस्से में स्थित है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से 10 जिले आते हैं |
पूर्वी मैदानी भाग राजस्थान का सबसे घना बसा और उपजाऊ क्षेत्र है। इसकी तीन प्रमुख नदियाँ – बनास, चंबल और माही – यहाँ की कृषि और जल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। 🌊🌾
यह क्षेत्र अपने उर्वर मैदानों, बीहड़ भूमि और विविध जलवायु के लिए प्रसिद्ध है और राजस्थान की आर्थिक रीढ़ माना जाता है। 🚜✨
अरावली पर्वतीय प्रदेश गोंडवाना लैण्ड का अवशेष है, जिसकी उत्पत्ति प्रीकैम्ब्रियन काल में हुई थी। यह पर्वतमाला विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वतमालाओं में से एक है, लेकिन वर्तमान में यह अवशिष्ट पर्वतमाला के रूप में विद्यमान है।
अरावली पर्वत न केवल राजस्थान की जलवायु एवं पारिस्थितिकी को संतुलित करता है, बल्कि यह वन्यजीवों और जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र भी है।
यह पश्चिमी राजस्थान को थार मरुस्थल के विस्तार से बचाने में सहायक है।
अरावली क्षेत्र में खनिज संपदा, वन संपदा एवं औषधीय पौधों की प्रचुरता पाई जाती है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उपरांत देश में विभिन्न रियासतों का एकीकरण आवश्यक हो गया। राजस्थान में भी इसी प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 19 रियासतें और 3 ठिकाने शामिल किए गए। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ, जो कुल 8 वर्ष, 7 माह, और 14 दिनों में पूरा हुआ। आइए इन चरणों पर एक … Read more