झील क्या होती है और कैसे बनती है?
झील एक स्थिर जल निकाय होती है, जो भूमि के भीतर अवसाद या गड्ढे में जल भरने से बनती है। यह जल बारिश, नदियों, ग्लेशियरों के पिघलने या भूगर्भीय गतिविधियों के कारण एकत्र हो सकता है। झीलें प्राकृतिक भी हो सकती हैं और मानव निर्मित भी।
झीलों के प्रकार
राजस्थान में प्राकृतिक रूप से दो प्रकार की झीलें पाई जाती हैं –
- मीठे पानी की झीलें ✨
- खारे पानी की झीलें ❈
मीठे पानी की झीलें
मीठे पानी की झीलें अरावली पहाड़ी के पूर्वी भाग में पाई जाती हैं।
1. जयसमंद झील 🌊
- जयसमंद झील का निर्माण उदयपुर के महाराणा जय सिंह ने गोमती नदी पर बांध बनाकर किया था।
- यह मीठे पानी की राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
- इस झील में 7 टापू हैं, जिनमें बाबा का भागड़ा (या मगरा) सबसे बड़ा और प्यारी सबसे छोटा है।
- 1950 में सिंचाई सुविधा के लिए इस झील से श्यामपुर और भाट नहर निकाली गई थी।
- इसे ढेबर झील भी कहा जाता है।
2. राजसमंद झील 🏞️
- इस झील की नींव घेवर माता ने रखी थी।
- महाराणा राज सिंह ने गोमती, ताल और केलवा नदियों के पानी को रोककर इसका निर्माण करवाया।
- झील के उत्तरी भाग को नौ चौकी कहा जाता है, जहां संगमरमर की 25 शिलाओं पर मेवाड़ का इतिहास संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
- इसे राज प्रशस्ति या राजसिंह प्रशस्ति कहा जाता है, जो भारत की सबसे बड़ी प्रशस्ति मानी जाती है।
3. पिछोला झील 🏝️
- महाराणा लाखा के समय एक बंजारे ने अपने बैल की याद में इस झील का निर्माण कराया था।
- इसके किनारे ही नटनी का चबूतरा स्थित है।
- झील में स्थित जग मंदिर का निर्माण जगत सिंह प्रथम और जग निवास (लेक पैलेस) का निर्माण जगत सिंह द्वितीय ने करवाया था।
- शाहजहाँ ने अपने निर्वासन काल में कुछ समय जग मंदिर में बिताया था।
4. फतेह सागर झील 🌊
- इस झील का निर्माण महाराणा जय सिंह ने करवाया था, लेकिन अधिक वर्षा के कारण इसका बांध टूट गया था।
- बाद में महाराणा फतेह सिंह ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।
- इसका शिलान्यास ड्यूक ऑफ कनॉट ने किया था, इसलिए इसे कनॉट बांध भी कहते हैं।
- एक नहर द्वारा फतेह सागर झील पिछोला झील से जुड़ी हुई है।
5. नक्की झील ⛰️
- यह झील माउंट आबू (सिरोही) में स्थित है और राजस्थान की सबसे ऊँची झील है।
- इस झील के पास प्रसिद्ध टॉड रॉक और नन रॉक स्थित हैं।
- मान्यता है कि इस झील को देवताओं ने अपने नाखूनों (नक्की) से खोदकर बनाया था।
6. उदय सागर झील 💦
- इस झील का निर्माण महाराणा उदय सिंह ने करवाया था।
- इसमें आयड़ नदी आकर मिलती है, जिसके बाद इसे बेड़च नदी कहा जाता है।
7. आना सागर झील 🌅
- इस झील का निर्माण 1137 ईस्वी में आनाजी (पृथ्वीराज चौहान के दादा) ने अजमेर में करवाया था।
- इसमें बाड़ी नदी का पानी आता है।
- जब जहांगीर अजमेर आया, तो उसने इस झील के किनारे दौलत बाग (सुभाष उद्यान) बनवाया।
- बाद में शाहजहाँ ने झील के किनारे बारहदरी का निर्माण करवाया।
8. पुष्कर झील 🏞️
- यह झील अजमेर से 11 किमी दूर पुष्कर में स्थित है और इसे धार्मिक दृष्टि से अति पवित्र माना जाता है।
- हर साल कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ भव्य मेला आयोजित होता है।
- झील के पास ही विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर स्थित है।
- यह एक प्राकृतिक झील है, जिसे हिंदू धर्म में तीर्थों का राजा कहा गया है।
9. सिलीसेढ़ झील 🌊
- इस झील का निर्माण 1845 ईस्वी में अलवर के महाराजा विनय सिंह ने अपनी रानी के लिए करवाया था।
- झील के पास एक शाही महल व लॉज बनवाया गया, जो आज लेक पैलेस होटल के रूप में संचालित हो रहा है।
10. कोलायत झील ⛲
- यह झील बीकानेर जिले में स्थित है।
- यहाँ प्रसिद्ध कपिल मुनि आश्रम स्थित है।
- कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है।
खारे पानी की झीलें
खारे पानी की झीलें मुख्यत: उत्तर पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में पाई जाती हैं।
कुचामन झील
- यह राजस्थान की सबसे बड़ी खारी झील है।
- यहाँ बड़ी मात्रा में खनिज लवण पाए जाते हैं और यह अनेक पक्षियों का प्रमुख आश्रय स्थल है।
NOTE: – खारे पानी की झीलें के बारे में हम अलग से विस्तार से चर्चा करेंगे
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