परिचय
बैराठ सभ्यता (Bairat Civilization) राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है। यह जयपुर के उत्तर में 85 किलोमीटर तथा अलवर के पश्चिम में 40 किलोमीटर दूर बाणगंगा नदी के किनारे बसा है। बैराठ जिसे प्राचीन काल में विराटनगर कहा जाता था, पौराणिक, ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह क्षेत्र वर्तुलाकार पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है, जिनमें भीमजी की डूंगरी, बीजक पहाड़ी, महादेव डूंगरी, गणेश डूंगरी और मोती डूंगरी प्रमुख हैं। यहाँ तांबे की खदानें पाई जाती थीं, जिससे इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ जाता है।
बैराठ का अध्ययन और उत्खनन कई विद्वानों द्वारा किया गया—
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कैप्टन बर्ट (1837) ने सर्वप्रथम इसकी खोज की।
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दयाराम साहनी (1936-37) ने पहला उत्खनन किया।
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नीलरत्न बनर्जी और कैलाशनाथ दीक्षित (1962-63) ने पुनः खुदाई कर कई साक्ष्य प्राप्त किए।
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एम.एन. देशपांडे ने यहाँ छिद्रित उपकरण खोजे।
इतिहासकार मानते हैं कि बैराठ सभ्यता का काल लगभग 5वीं शताब्दी ई.पू. से 2वीं शताब्दी ई.पू. तक रहा।
प्रागैतिहासिक कालीन प्रमाण
बैराठ क्षेत्र से प्राचीन काल से जुड़े कई साक्ष्य प्राप्त हुए हैं:
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पुरापाषाण काल : दिगारिया और भानगढ़ से गोलाश्म पर बने औजार मिले।
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मध्यपाषाण काल : यहाँ से छोटे पत्थर के औजार (Microliths) प्राप्त हुए, जिनका उपयोग छोटे जानवरों के शिकार में होता था।
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शैलचित्र (Rock Paintings) : गणेश डूंगरी, बीजक पहाड़ी, भीम डूंगरी और ब्रह्मकुण्ड से हाथी, भालू, हरिण, शुतुरमुर्ग आदि के चित्र मिले।
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इन चित्रों को लाल रंग से बनाया गया है, इसलिए बैराठ को प्राचीन युग की चित्रशाला भी कहा जाता है।
महाभारतकालीन प्रमाण
महाभारत काल में बैराठ को विराटनगर कहा जाता था। यह मत्स्य जनपद की राजधानी थी।
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पांडवों ने अपने अज्ञातवास के अंतिम दिन यहीं व्यतीत किए।
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भीम की डूंगरी, किंचक का आवास और बाणगंगा नदी इस क्षेत्र को महाभारत से जोड़ते हैं।
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यहाँ भीमताल और गायों के खुरों के निशान भी मिले हैं।
मौर्यकालीन साक्ष्य
बैराठ सभ्यता मौर्यकाल में भी बेहद समृद्ध थी।
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यहाँ से अशोककालीन ब्राह्मी लिपि युक्त ईंटें प्राप्त हुईं।
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बीजक की पहाड़ी पर सम्राट अशोक के दो स्तंभ और बौद्ध स्तूप के अवशेष मिले।
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गोलाकार बौद्ध मंदिर (चैत्य), बौद्ध विहार और मठ के अवशेष भी खोजे गए।
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विद्वान मानते हैं कि 510-540 ई. में हूण शासक मिहिरकुल ने इन स्तूपों को तोड़ा।
भाबू शिलालेख (Bhabru Edict)
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1837 में कैप्टन बर्ट ने बीजक की पहाड़ी से अशोक का प्रथम भाबू शिलालेख खोजा।
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इसमें बुद्ध, धम्म और संघ का उल्लेख मिलता है।
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इसी शिलालेख में अशोक को देवनामप्रिय और मगधाधिराज कहा गया।
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यह अभिलेख आज कोलकाता एशियाटिक सोसायटी में संरक्षित है।
मुगलकालीन प्रमाण
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बैराठ में अकबरकालीन टकसाल के प्रमाण मिले हैं।
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अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ द्वारा ढाले गए तांबे के सिक्कों पर “बैराठ” अंकित है।
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यहाँ मुगलकाल में मुगल गार्डन, सराय और ईदगाह भी निर्मित किए गए।
आवास और जीवनशैली
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लोग अपने घर बांस और सरकण्डों से बनाते थे जिन पर मिट्टी का पलस्तर किया जाता था।
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कहीं-कहीं कच्ची ईंटों से बने आवास भी मिले।
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खुदाई से प्राप्त 78×40×8 सेमी की ईंटें मोहनजोदड़ो से मिलती-जुलती हैं।
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यहाँ से 36 चाँदी की मुद्राएँ (पंचमार्क और इंडो-ग्रीक) मिली हैं।
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कृषि और पशुपालन प्रमुख व्यवसाय था। गेहूं और चावल की खेती होती थी।
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कपड़ा बुनाई और हाथ से काता सूती वस्त्र उद्योग भी विकसित था।
प्रमुख खोजें (Highlights of Bairat Civilization)
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शंख लिपि (गुप्त लिपि) के प्रमाण।
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स्वास्तिक, त्रिरत्नचक्र, बौद्ध प्रतीक।
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लौह उपकरण, तीर और भाले।
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अलंकृत मिट्टी के घड़े और दीपक।
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स्वर्ण मंजूषा जिसमें भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष।
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ब्लैक एंड रेड वेयर, पेंटेड ग्रे वेयर और NBPW संस्कृति के मृद्भाण्ड।
बैराठ सभ्यता का महत्व
बैराठ से प्राप्त साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि यहाँ प्रागैतिहासिक काल से लेकर मुगलकाल तक निरंतर बसावट रही। यह स्थल राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और भारत के प्राचीन इतिहास का गौरवशाली अध्याय है।
बैराठ सभ्यता से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
Q1. बैराठ सभ्यता कहाँ स्थित है?
👉 यह राजस्थान के अलवर जिले में, जयपुर से 85 किमी दूर स्थित है।
Q2. बैराठ का प्राचीन नाम क्या था?
👉 बैराठ को प्राचीन काल में विराटनगर कहा जाता था।
Q3. बैराठ सभ्यता की खोज किसने की?
👉 1837 में कैप्टन बर्ट ने खोज की, बाद में दयाराम साहनी, नीलरत्न बनर्जी और कैलाशनाथ दीक्षित ने उत्खनन किया।
Q4. बैराठ सभ्यता का काल कौन सा था?
👉 इसे 5वीं शताब्दी ई.पू. से 2वीं शताब्दी ई.पू. का माना जाता है।
Q5. बैराठ किस महाकाव्य से जुड़ा है?
👉 यह महाभारत काल से जुड़ा है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था।
Q6. बैराठ से प्राप्त प्रमुख प्रमाण क्या हैं?
👉 अशोक स्तंभ, बौद्ध मठ, स्तूप, मृद्भाण्ड, शैलचित्र, सिक्के, लौह उपकरण।
Q7. भाबू शिलालेख क्या है?
👉 यह अशोक का शिलालेख है, जिसमें बुद्ध, धम्म और संघ का उल्लेख है।
Q8. बैराठ में कौन-कौन सी संस्कृतियाँ पाई गईं?
👉 ब्लैक एंड रेड वेयर, पेंटेड ग्रे वेयर और NBPW संस्कृति।
Q9. बैराठ सभ्यता का प्रमुख व्यवसाय क्या था?
👉 कृषि, पशुपालन और वस्त्र उद्योग।
Q10. बैराठ से भगवान बुद्ध के अवशेष कहाँ मिले?
👉 जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह के समय यहाँ एक स्वर्ण मंजूषा में बुद्ध के अस्थि अवशेष मिले।