मेंवाड़ राजवंश का इतिहास (Mewar Dynasty History in Hindi)

Mewad Rajwansh ka itihas

🔶 परिचय: मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा राजस्थान की धरती वीरता, त्याग और स्वाभिमान के लिए जानी जाती है।मेवाड़ (Mewar) इसका सर्वोत्तम उदाहरण है — जहाँ का हर पत्थर शौर्य की कहानी कहता है।यह वंश गुहिल वंश (Guhil Dynasty) से उत्पन्न हुआ और आगे चलकर सिसोदिया राजवंश (Sisodia Dynasty) के रूप में प्रसिद्ध हुआ।चित्तौड़गढ़ इसका प्रमुख … Read more

जालौर के सोनगरा चौहान: इतिहास, वीरता, कान्हड़देव और जालौर दुर्ग

जानें जालौर के सोनगरा चौहान वंश का इतिहास, कीर्तिपाल से कान्हड़देव तक के शासकों की वीरता, अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण, शाका-जौहर की गाथा और आशापुरा माता की आराधना। राजस्थान की गौरवगाथा विस्तार से।

रणथम्भौर के चौहान वंश और हम्मीर देव का इतिहास

रणथम्भौर के चौहान वंश का इतिहास, हम्मीर देव चौहान का दिल्ली सल्तनत से संघर्ष, 1301 ई. का रणथम्भौर युद्ध, राजस्थान का पहला साका और जौहर – सम्पूर्ण जानकारी।

भारत में राजपूतों का उद्भव और चौहान वंश का ऐतिहासिक महत्व

चौहान वंश का इतिहास

भारत की राजनीतिक एकता गुप्तकाल में स्थापित हुई थी। हर्षवर्धन के शासनकाल (606-647 ई.) के दौरान उत्तर भारत में एक मजबूत केंद्रीय सत्ता रही। लेकिन हर्षवर्धन की मृत्यु (647 ई.) के बाद यह राजनीतिक एकता धीरे-धीरे समाप्त होने लगी। उत्तर भारत में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का उद्भव हुआ जो आपस में लगातार संघर्षरत रहते थे। … Read more

गुर्जर प्रतिहार वंश : राजस्थान और उत्तर भारत का महान साम्राज्य

गुर्जर प्रतिहार वंश का इतिहास

प्रस्तावना गुर्जर प्रतिहार वंश भारतीय इतिहास का वह गौरवशाली अध्याय है, जिसने छठी से बारहवीं शताब्दी तक उत्तर भारत में राजनीतिक शक्ति, सैन्य सामर्थ्य और सांस्कृतिक वैभव की स्थापना की। इस वंश के शासकों ने अरब आक्रमणकारियों को पराजित कर भारत की भूमि को सुरक्षित रखा। इतिहासकारों, यात्रियों और शिलालेखों में गुर्जर प्रतिहारों का उल्लेख … Read more

बैराठ सभ्यता : राजस्थान की प्राचीनतम नगरीय संस्कृति का परिचय

बैराठ सभ्यता

परिचय बैराठ सभ्यता (Bairat Civilization) राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है। यह जयपुर के उत्तर में 85 किलोमीटर तथा अलवर के पश्चिम में 40 किलोमीटर दूर बाणगंगा नदी के किनारे बसा है। बैराठ जिसे प्राचीन काल में विराटनगर कहा जाता था, पौराणिक, ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण … Read more

गणेश्वर सभ्यता की विशेषताएँ | Ganeshwar Civilization in Hindi

Ganeshwar Civilization in Hindi

प्रस्तावना भारत की प्राचीन सभ्यताओं में राजस्थान स्थित गणेश्वर सभ्यता एक महत्वपूर्ण ताम्रयुगीन सभ्यता है। यह सभ्यता सीकर जिले की नीमकाथाना तहसील में कांतली नदी के किनारे सुनारी ग्राम से प्राप्त हुई थी। इसकी खोज सर्वप्रथम रतनचन्द्र अग्रवाल ने की और वर्ष 1977 में इसका उत्खनन कार्य करवाया गया। बाद में 1978-79 में इसका उत्खनन … Read more

आहड़ सभ्यता : राजस्थान की प्राचीन ताम्रयुगीन संस्कृति

प्रस्तावना भारत की प्राचीन सभ्यताओं में राजस्थान की आहड़ सभ्यता (Ahar Civilization) का विशेष स्थान है। इसे आहड़-बनास संस्कृति भी कहा जाता है। यह सभ्यता लगभग 2000 ई.पू. से 1200 ई.पू. के बीच फली-फूली और इसे राजस्थान की ताम्रयुगीन सभ्यता के रूप में जाना जाता है। आहड़ सभ्यता हमें उस समय के लोगों की कृषि, … Read more

राजस्थान का प्राक-इतिहास एवं प्रमुख सभ्यताएँ

राजस्थान का प्राक-इतिहास एवं प्रमुख सभ्यताएँ

राजस्थान का इतिहास अत्यंत प्राचीन एवं गौरवशाली है। यहाँ के प्रागैतिहासिक अवशेष, पाषाण युगीन उपकरण, ताम्रपाषाण सभ्यताएँ और हड़प्पा संस्कृति से जुड़े पुरातात्विक स्थल यह दर्शाते हैं कि राजस्थान मानव सभ्यता की उत्पत्ति और विकास का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र रहा है। इस लेख में हम राजस्थान के प्राक-इतिहास, पाषाण काल से लेकर ताम्रपाषाण काल और … Read more

राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार और इतिहासकार | कृतियां व योगदान

Rajasthan ke shahityakar aur itihasakar, Yogdan and amar rachanai

राजस्थान न केवल वीरों की धरती रहा है बल्कि यहाँ के साहित्यकारों और इतिहासकारों ने भी भारतीय संस्कृति और इतिहास को समृद्ध किया है। इन साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से राजस्थान की गौरवशाली परंपराओं, लोककथाओं, युद्धगाथाओं और संस्कृति को सुरक्षित रखने का महान कार्य किया। आइए जानते हैं राजस्थान के प्रमुख साहित्यकारों और इतिहासकारों के … Read more

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